5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥

शिव आरती

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥

नमो नमो Shiv chaisa जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥

ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी

बृहस्पतिदेव की कथा

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥

लिङ्गाष्टकम्

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